भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में फोर्थ टेस्ट मैच शुरू हो चुका है, और इस मैच में 19 साल के सैम कोनस्टास ने आते ही अपनी बैटिंग से धमाल मचा दिया। जी हां, इस यंग प्लेयर ने अपने टेस्ट डेब्यू में हाफ सेंचुरी जड़कर भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुलाई की। तो चलिए, इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि सैम कोनस्टास है कौन और उनकी पूरी कहानी।
19 साल का सैम कोनस्टास और उसकी शानदार पारी
इस बॉक्सिंग डे टेस्ट में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने सैम कोनस्टास को मौका दिया, जब नेथन मैक्सविन की जगह इस यंग बल्लेबाज को टीम में शामिल किया गया। और इस प्लेयर ने इस मौके को पूरी तरह से सही साबित किया। अपनी शानदार अर्ध शतक की मदद से उन्होंने भारतीय गेंदबाजों पर हावी होकर ये मैच यादगार बना दिया। खास बात ये थी कि कोनस्टास ने 100 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए और रिकॉर्ड भी तोड़ा।
कोनस्टास का टेस्ट डेब्यू
सैम कोनस्टास ने अपनी पारी में 65 गेंदों पर 60 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने छह चौके और दो छक्के लगाए। खास बात ये रही कि उन्होंने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे बड़े गेंदबाजों को भी नहीं छोड़ा। बुमराह तक को उन्होंने सोचने पर मजबूर कर दिया। बुमराह के शुरुआती छह ओवरों में उन्होंने 38 रन बनाए, जो बुमराह के लिए एक तरह से झटका था।
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कोनस्टास का रिकॉर्ड-ब्रेकिंग टेस्ट डेब्यू
सैम कोनस्टास ने सिर्फ अर्ध शतक ही नहीं, बल्कि बुमराह के खिलाफ भी बेहतरीन शॉट्स खेले। उन्होंने 52 गेंदों पर अपना पहला अर्ध शतक जड़ा और टेस्ट क्रिकेट में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। इसके अलावा, वह 2018 के बाद पहले ऐसे बल्लेबाज बने हैं जिन्होंने बुमराह की गेंद पर टेस्ट पारी में दो छक्के लगाए। इससे पहले 2018 में जॉस बटलर ने ऐसा किया था।
कोनस्टास का टेस्ट क्रिकेट में दूसरा सबसे यंग अर्ध शतक
सैम कोनस्टास टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के लिए अर्ध शतक जड़ने वाले दूसरे सबसे यंग बल्लेबाज भी बन गए हैं। उन्होंने 19 साल 85 दिन की उम्र में यह कारनामा किया। उनसे पहले केवल यान क्रैग थे, जिन्होंने 1953 में 17 साल 240 दिन की उम्र में यह अर्ध शतक जड़ा था।
भारतीय गेंदबाजों की धुलाई की?
सैम कोनस्टास ने अपनी शानदार बैटिंग से भारतीय गेंदबाजों को बुरी तरह से चौंका दिया। बुमराह, जो फिलहाल भारत के सबसे बड़े गेंदबाज माने जाते हैं, उनके खिलाफ यह यंग बल्लेबाज पूरी तरह से हावी रहा। अब यह सवाल उठता है कि क्या कोनस्टास को इस पारी के लिए भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ यह जीत हासिल करने का पूरा श्रेय मिलना चाहिए?