आज हम बात करेंगे उस खिलाड़ी के बारे में जिनकी बैटिंग ने 19 साल की उम्र में क्रिकेट की दुनिया में सनसनी मचा दी है। ये खिलाड़ी हैं सैम कॉनस्टास, जिन्हें ऑस्ट्रेलिया टेस्ट टीम में जगह मिली है। तो चलिए, जानते हैं कौन हैं सैम कॉनस्टास और क्यों उनकी इस एंट्री पर चर्चा हो रही है।
ऑस्ट्रेलिया टीम में जगह पाने की कहानी
ऑस्ट्रेलिया ने इंडिया के खिलाफ अपने बाकी दो टेस्ट मैचों के लिए सैम कॉनस्टास को टीम में जगह दी है। ये बहुत खास मौका है क्योंकि 19 साल के सैम कॉनस्टास ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट और टी-20 क्रिकेट में अपनी बैटिंग से खुद को साबित किया है। इतना ही नहीं, सैम ने अपने फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड और भारत के खिलाफ खेले गए प्राइम मिनिस्टर 11 मैच में शानदार प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा।
सैम कॉनस्टास का क्रिकेट करियर
सैम कॉनस्टास ने 11 फर्स्ट क्लास मैचों में 42.23 की औसत से 718 रन बनाए हैं। उन्होंने दो शतक भी लगाए हैं और उनका प्रदर्शन बहुत ही शानदार रहा है। उन्होंने भारत के खिलाफ 107 रन की धमाकेदार पारी भी खेली थी। इसके अलावा, सैम ने बीबीएल (Big Bash League) में भी डेब्यू किया और सिडनी थंडर्स के लिए खेलते हुए 20 गेंदों पर 50 रन ठोककर सबको चौंका दिया।
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कैसे सैम ने अपनी जगह बनाई टेस्ट टीम में
पिछले कुछ समय से ऑस्ट्रेलिया के लिए पारी की शुरुआत करने के लिए मैक्स विनी को मौका मिला था, लेकिन उनका प्रदर्शन औसत था। पहले तीन टेस्ट मैचों में उन्होंने सिर्फ 14.40 की औसत से 72 रन बनाए। इसके बाद, सैम कॉनस्टास को टीम में शामिल किया गया। अब सैम के पास मौका है कि वो इंडिया के खिलाफ टेस्ट मैच में डेब्यू करें और एक नया इतिहास बनाएं।
सैम का डेब्यू और रिकॉर्ड
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच फोर्थ टेस्ट मेलबर्न में शुरू हो चुका है और सैम कॉनस्टास ने आते ही धमाल मचा दिया है। 19 साल के इस युवा खिलाड़ी ने अपने टेस्ट डेब्यू में शानदार अर्ध शतक जड़ा और भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुलाई की है। खास बात यह रही कि सैम ने 100 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हुए अर्ध शतक पूरा किया।
सैम ने 65 गेंदों में 60 रन की शानदार पारी खेली, जिसमें उन्होंने छह चौके और दो छक्के लगाए। उन्होंने जसप्रीत बुमरा और मोहम्मद सिराज जैसे गेंदबाजों को पूरी तरह से पिटाई की। सैम कॉनस्टास ने सिर्फ 52 गेंदों पर अपने टेस्ट करियर का पहला अर्ध शतक जड़ा। उनका यह प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बेहतरीन शुरुआत साबित हो सकता है।
बुमरा और सिराज की धुलाई
सैम ने बुमरा के छठे ओवर में 18 रन बटोरे, जिसके बाद बुमरा को बॉलिंग लाइनअप से हटा दिया गया। इससे यह साफ हो गया कि सैम के खेलने का तरीका भारतीय गेंदबाजों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
तो, इस शानदार डेब्यू के साथ सैम कॉनस्टास ने क्रिकेट की दुनिया में एक नई उम्मीद जगा दी है। क्या वह इस तरह के प्रदर्शन को कायम रखते हुए टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह बनाते हैं? इसका जवाब हमें भविष्य में ही मिलेगा।