आईपीएल 2025 का सीजन जैसे-जैसे फिर से शुरू होने जा रहा है, वैसे-वैसे विवाद भी सामने आने लगे हैं। ताज़ा विवाद दिल्ली कैपिटल्स द्वारा बांग्लादेशी तेज गेंदबाज़ मुस्तफिजुर रहमान को टीम में शामिल किए जाने को लेकर है। दिल्ली कैपिटल्स ने इंग्लैंड के खिलाड़ी जैक फ्रेजर की जगह मुस्तफिजुर को 6 करोड़ रुपये में अपनी टीम में जगह दी है। लेकिन जैसे ही यह खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर जबरदस्त बवाल मच गया।
क्यों हुआ मुस्तफिजुर रहमान को शामिल करने पर विवाद?
इस विवाद की जड़ें हाल ही में बांग्लादेश में हुई घटनाओं से जुड़ी हैं। कुछ समय पहले बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की कई खबरें सामने आई थीं, जिसमें मंदिर जलाए गए, महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार हुए और कई घर तबाह कर दिए गए। इन घटनाओं के चलते भारतीय सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भड़क उठा था। ऐसे में जब दिल्ली कैपिटल्स ने एक बांग्लादेशी मुस्लिम खिलाड़ी को अपनी टीम में शामिल किया, तो फैंस ने सवाल खड़े कर दिए।
सोशल मीडिया पर दिल्ली कैपिटल्स को किया गया ट्रोल
मुस्तफिजुर रहमान के चयन के तुरंत बाद ट्विटर, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर दिल्ली कैपिटल्स को ट्रोल किया जाने लगा। फैंस ने पूछा कि जब ऑक्शन में किसी भी टीम ने बांग्लादेशी खिलाड़ियों को नहीं खरीदा, तो अब दिल्ली कैपिटल्स ने आखिरकार उन्हें क्यों शामिल किया? क्या यह फैसला राजनीतिक या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला नहीं है?
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बांग्लादेश में हिंसा और राष्ट्रवाद की बहस
लोगों ने दिल्ली कैपिटल्स पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचारों को नजरअंदाज कर एक मुस्लिम खिलाड़ी को टीम में लिया। कुछ यूज़र्स ने इस फैसले को राष्ट्रवाद के खिलाफ बताते हुए इसे शर्मनाक कहा। उनका मानना है कि एक ऐसी टीम जो भारतीय खिलाड़ियों और भावना का प्रतिनिधित्व करती है, उसे ऐसे समय में बांग्लादेशी खिलाड़ी को शामिल नहीं करना चाहिए था जब वहां हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई थी।
दिल्ली कैपिटल्स के निर्णय पर उठा भरोसे का सवाल
फैंस न सिर्फ मुस्तफिजुर रहमान के चयन से नाराज़ हैं, बल्कि वे दिल्ली कैपिटल्स की टीम मैनेजमेंट पर भी सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि पहले टीम ने रिकी पोंटिंग और सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों को हटाया और अब ऐसे खिलाड़ी को शामिल किया है जिसे बांग्लादेश की राष्ट्रीय टीम के साथ दुबई जाते हुए देखा गया है। इससे यह संदेह भी उठ रहा है कि क्या मुस्तफिजुर दिल्ली कैपिटल्स के लिए मैच खेलेंगे भी या नहीं।
आईपीएल की विश्वसनीयता पर भी सवाल
इस पूरे विवाद के बाद आईपीएल की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगे हैं। आलोचकों का कहना है कि अगर भावनात्मक और राजनीतिक मुद्दों को नजरअंदाज कर ऐसे चयन किए जाएंगे, तो यह टूर्नामेंट की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि दिल्ली कैपिटल्स का यह कदम क्रिकेट से ज्यादा व्यावसायिक रणनीति का हिस्सा है।
क्या यह चयन नियमों के खिलाफ है?
सोशल मीडिया पर यह भी चर्चा हो रही है कि क्या दिल्ली कैपिटल्स ने आईपीएल के नियमों का उल्लंघन किया है? कई यूज़र्स का कहना है कि मुस्तफिजुर रहमान को अचानक 6 करोड़ में शामिल करना टीम की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। जब बाकी सभी टीमों ने बांग्लादेशी खिलाड़ियों से दूरी बनाए रखी, तो दिल्ली कैपिटल्स का यह निर्णय बहुतों को नागवार गुजरा।
क्या यह फैसला सही है?
मुस्तफिजुर रहमान एक शानदार गेंदबाज़ हैं, इसमें कोई शक नहीं। लेकिन क्रिकेट सिर्फ मैदान पर खेला जाने वाला खेल नहीं है, यह भावनाओं, भरोसे और राष्ट्र गौरव से भी जुड़ा होता है। ऐसे में दिल्ली कैपिटल्स का यह फैसला बहस का मुद्दा बन गया है। क्या एक खिलाड़ी के चयन से आईपीएल की छवि धूमिल हो सकती है? क्या राष्ट्रवाद और खेल को अलग रखना चाहिए? यह फैसले समय और फैंस की राय तय करेंगे।
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