क्रिकेट के पूरे 147 साल हो चुके हैं, लेकिन जो नीतीश रेड्डी और वाशिंगटन सुंदर ने आज कर दिखाया है, वो शायद पहले कभी किसी ने नहीं किया। एक ऐसा मैच जो इंडिया लगभग हार चुकी थी, उसको इन दोनों ने अपनी कमाल की बैटिंग से पूरी तरह पलट दिया।
ऑस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ दिया
ऑस्ट्रेलियाई टीम तो सोच रही थी कि इंडिया के आठ विकेट 200 के आसपास गिर गए हैं, तो बाकी के दो बैट्समैन को भी जल्दी आउट कर देंगे। उनका प्लान बड़ा सिंपल था—250-260 पर ऑल आउट करके अच्छी-खासी लीड लेकर फॉलो ऑन दे देंगे और फिर मैच जीतकर घर चले जाएंगे। लेकिन भाई साहब, नीतीश और वॉशिंगटन ने ऐसा खेल दिखाया कि कंगारू बॉलर्स को समझ ही नहीं आ रहा था कि इन दोनों को आउट कैसे करें।
जहां पहले लग रहा था कि इंडिया 240-250 के आसपास सिमट जाएगी, वहीं इन दोनों की शानदार बैटिंग के चलते दिन के आखिर में स्कोर 360 तक पहुंच गया। और सबसे मजेदार बात? अभी भी एक विकेट बाकी है!
नंबर 8 और 9 की पार्टनरशिप
क्रिकेट के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था कि नंबर 8 और नंबर 9 पर बैटिंग करने वाले दो खिलाड़ियों ने 150 से ज्यादा गेंदें खेली हों। लेकिन नीतीश रेड्डी और वाशिंगटन सुंदर ने मिलकर ये रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। नीतीश ने 176 बॉल्स खेलते हुए 105 रनों की नाबाद पारी खेली, जबकि वाशिंगटन ने 152 बॉल्स पर 50 रन बनाए।
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नीतीश ने ऑस्ट्रेलिया में नंबर 8 पर सेंचुरी
भाई, ये तो और भी बड़ी बात है। नीतीश रेड्डी ऑस्ट्रेलिया में नंबर 8 पर बैटिंग करते हुए सेंचुरी लगाने वाले पहले इंडियन प्लेयर बन गए हैं। इससे पहले अनिल कुंबले ने 87 रन बनाए थे, लेकिन नीतीश ने उन्हें पीछे छोड़ते हुए शतक ठोक दिया। सोचिए, 147 सालों में जो कोई भी इंडियन नहीं कर पाया, वो इस यंग प्लेयर ने कर दिखाया।
आठवें विकेट की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी
वाशिंगटन सुंदर और नीतीश रेड्डी की 127 रनों की पार्टनरशिप आठवें विकेट के लिए इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी बन गई है। अभी भी नंबर 1 पर सचिन तेंदुलकर और हरभजन सिंह की 129 रनों की पार्टनरशिप है। लेकिन भाई, नीतीश और वाशिंगटन ने ये साबित कर दिया कि वो भी किसी से कम नहीं हैं।
टीम इंडिया को हारा हुआ मैच जिताने की तरफ ले गए
अब सोचिए, जो टीम लगभग हार मान चुकी थी, उसे इन दोनों ने वापस गेम में ला दिया। अगर यहां से इंडिया 20-30 रन और बना लेती है, तो जीत के चांस बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगे।
इन दोनों ने दिखा दिया है कि क्रिकेट में टैलेंट और मेहनत से कुछ भी मुमकिन है। पूरी दुनिया इन दोनों यंग प्लेयर्स की तारीफ कर रही है और कह रही है कि ये क्रिकेट का फ्यूचर हैं।