Simran Shaikh Biography in Hindi: धारावी से करोड़पति क्रिकेटर बनने तक की Inspiring कहानी जानिए

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सिमरन ने न सिर्फ अपनी जिंदगी को मेहनत और जुनून से जिया, बल्कि अपने परिवार की किस्मत भी बदल दी। धारावी जैसे एशिया के सबसे बड़े स्लम एरिया में रहने वाली सिमरन आज करोड़पति बन चुकी हैं। उनकी कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है।

WPL की नीलामी से बदल गई जिंदगी

डब्ल्यूपीएल (WPL) 2024 की नीलामी में सिमरन शेख का नाम सबसे चर्चित रहा। गुजरात की टीम ने उन्हें 1 करोड़ 90 लाख रुपए में खरीदा, जिससे वह इस नीलामी की सबसे महंगी खिलाड़ी बनीं। धारावी की तंग गलियों से निकलकर इतनी बड़ी कामयाबी हासिल करना आसान नहीं था।

सिमरन शेख का कहना है, “खुशी के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं हैं। कल रात तो बस इतनी उम्मीद थी कि किसी टीम में जगह मिल जाए।” उन्होंने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनका प्राइस इतना बढ़ेगा। जब उन्हें खरीदा गया, तो उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया।

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पिता का बलिदान और पड़ोसियों की बातें

सिमरन शेख ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता जाहिद अली को दिया। उनके पिता एक वायरमैन का काम करते थे और पूरे परिवार के 11 लोग एक छोटे से झोपड़े में रहते थे। उन्होंने बताया कि एक वक्त ऐसा भी था, जब क्रिकेट किट खरीदना भी मुश्किल था। इसके बावजूद उनके पिता ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया।

सिमरन ने कहा, “एक मुस्लिम परिवार से होने और आर्थिक तंगी के बीच क्रिकेट खेलना आसान नहीं था। लोग मेरे अब्बू से कहते थे, ‘जाहिद, क्या कर रहा है तू? इसे खेल-कूद के बजाय घर के काम सिखा। क्रिकेट में कुछ नहीं रखा।’ लेकिन अब वही लोग बधाई देने आ रहे हैं।”

पिता का बयान और भावुक लम्हे

डब्ल्यूपीएल नीलामी के बाद जाहिद अली ने कहा, “सारी जिंदगी इन तंग गलियों और खुले नालों के पास गुजार दी। लेकिन अब सिमरन की बदौलत एक अच्छा घर खरीद पाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह अपने दोस्तों की बात मानकर सिमरन को खेलने से रोक देते, तो यह दिन कभी नहीं देख पाते।

सिमरन ने भी अपने पिता के लिए एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने कहा, “बड़ा चेक मिलने पर अब्बू, आप जो चाहें, वो करिए। इस पर आपका हक है।” यह भावुक पल पिता और बेटी के बीच के रिश्ते को और मजबूत बनाता है।

क्रिकेट के प्रति जुनून और भविष्य की उम्मीदें

सिमरन शेख ने अपनी कामयाबी के पीछे कड़ी मेहनत और क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को सबसे बड़ा कारण बताया। उनका कहना है, “जो कुछ भी मिला है, वह सब क्रिकेट की बदौलत है।” उन्होंने वादा किया कि वह पहले से भी ज्यादा मेहनत करेंगी और भारतीय टीम में जगह बनाकर देश का नाम रोशन करेंगी।

धारावी की गलियों से टीम इंडिया तक का सपना

सिमरन की यह सफलता उनकी नई शुरुआत है। उनके पिता जाहिद अली ने सही कहा था कि “जा सिमरन, जी ले अपनी जिंदगी।” आज सिमरन न सिर्फ अपनी जिंदगी जी रही हैं, बल्कि अपनी सफलता से यह संदेश भी दे रही हैं कि अगर माता-पिता अपने बच्चों का साथ दें, तो मुश्किल से मुश्किल हालात में भी बड़ी कामयाबी हासिल की जा सकती है।

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