तो कैसे हो दोस्तों? आज हम आपको एक ऐसी क्रिकेटर की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसने अपनी मेहनत और लगन से न केवल असम बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया है। हम बात कर रहे हैं उमा छेत्री की, जो एक गरीब किसान के घर जन्मी लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और जुनून से भारतीय महिला क्रिकेट टीम तक का सफर तय किया। दोस्तों, यह सिर्फ एक क्रिकेटर की कहानी नहीं, बल्कि संघर्ष और सफलता की एक ऐसी मिसाल है, जो हर युवा को प्रेरित कर सकती है।
क्रिकेट से पहला प्यार और संघर्षों से भरा सफर
उमा छेत्री का जन्म 27 जुलाई 2002 को बोकाखाट, असम के छोटे से गांव कंदुलीमारी में हुआ था। उनका बचपन बहुत ही साधारण और संघर्षों से भरा था। दोस्तों, जब घर की आर्थिक स्थिति कमजोर हो तो बड़े सपने देखना आसान नहीं होता, लेकिन उमा ने न केवल बड़े सपने देखे, बल्कि उन्हें पूरा करने के लिए हर मुश्किल को पार किया।
बचपन में उमा अपने भाइयों और गांव के लड़कों को गली में क्रिकेट खेलते हुए देखती थीं। धीरे-धीरे, उन्होंने भी खेलना शुरू किया और जल्दी ही सबको अपनी प्रतिभा दिखा दी। जब उनकी माँ ने देखा कि उमा क्रिकेट में इतनी अच्छी हैं, तो उन्होंने उन्हें पेशेवर प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया।
Uma Chetry biography in hindi
विवरण | जानकारी |
---|---|
पूरा नाम | उमा छेत्री |
जन्म तिथि | 27 जुलाई 2002 (शनिवार) |
जन्म स्थान | गांव कंदुलीमारी, बोकाखाट, असम, भारत |
उम्र (2024 में) | 22 वर्ष |
राशि चक्र | सिंह (Leo) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | बोकाखाट, असम, भारत |
धर्म | हिंदू |
जाति | ओबीसी (OBC) |
शिक्षा | कक्षा 10वीं (बोकाखाट हिंदी हाई स्कूल, असम) |
पेशा | क्रिकेटर (विकेटकीपर-बल्लेबाज) |
कोच/मेंटोर | मेहबूब आलम |
बैटिंग स्टाइल | दाएं हाथ की बल्लेबाज |
बॉलिंग स्टाइल | दाएं हाथ की मीडियम पेसर |
पसंदीदा शॉट | स्वीप शॉट |
अंतरराष्ट्रीय डेब्यू | T20 – 7 जुलाई 2024 (दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, चेन्नई में) |
जर्सी नंबर | #55 (भारतीय टीम) |
घरेलू टीम | असम विमेंस, यूपी वॉरियर्स |
WPL टीम | यूपी वॉरियर्स (2024) |
WPL में चयन | वृंदा दिनेश की चोट के बाद रिप्लेसमेंट प्लेयर के रूप में चुनी गईं |
प्रेरणास्त्रोत | महेंद्र सिंह धोनी |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
पिता | लोक बहादुर (छोटे किसान) |
माता | दीपा (गृहिणी) |
भाई | 4 (विजय छेत्री सहित) |
बहन | कोई नहीं |
सोशल मीडिया | Instagram, Facebook, YouTube, Twitter, LinkedIn |
खास बात | भारत की पहली महिला क्रिकेटर जो असम से भारतीय टीम में चुनी गईं, और नॉर्थ ईस्ट से पहली महिला क्रिकेटर जो नेशनल टीम का हिस्सा बनीं |
16 किमी रोज पैदल चलकर क्रिकेट की ट्रेनिंग
दोस्तों, जब कोई सपना सच्चे दिल से देखा जाता है, तो उसे पाने की जिद भी उतनी ही मजबूत होती है। उमा जब सिर्फ 8 साल की थीं, तब उन्होंने एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला लिया। लेकिन उनके गांव में कोई क्रिकेट सुविधा नहीं थी, इसलिए उन्हें रोज 16 किलोमीटर पैदल चलकर बोकाखाट के क्रिकेट ट्रेनिंग सेंटर जाना पड़ता था।
इतना ही नहीं, 2011 में जब वह सिर्फ 9 साल की थीं, तो उनके दोस्तों ने उन्हें हॉस्टल में रहने की सलाह दी। उन्होंने यह बात अपने परिवार को बताई और जब उनके पिता ने पूछा कि क्या वह अकेले रह पाएंगी, तो उमा ने बिना सोचे-समझे ‘हां’ कह दिया।
जिला टीम में चयन और आगे बढ़ने का सफर
एक दिन, उमा को पता चला कि पास के गांव में जिला स्तरीय ट्रायल हो रहा है। दोस्तों, जिंदगी में मौके बार-बार नहीं आते, इसलिए उमा ने भी इस ट्रायल में हिस्सा लिया और अपनी मेहनत के दम पर सेलेक्ट हो गईं। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार मेहनत करती रहीं।
इंटरनेशनल क्रिकेट में उमा की धमाकेदार एंट्री
दोस्तों, जब आपकी मेहनत रंग लाती है, तो वो दिन सबसे खास बन जाता है। मई 2024 में उमा छेत्री को भारत की वनडे, टी20 और टेस्ट टीम में जगह मिल गई। आखिरकार, उनका सपना सच हुआ और 7 जुलाई 2024 को उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई में अपना पहला टी20 इंटरनेशनल मैच खेला।
इतना ही नहीं, उमा भारत की पहली महिला क्रिकेटर बनीं, जो असम से भारतीय टीम में चुनी गईं। साथ ही, वो नॉर्थ ईस्ट से पहली महिला क्रिकेटर भी बनीं, जिन्हें नेशनल टीम में जगह मिली। दोस्तों, यह उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे असम और नॉर्थ ईस्ट इंडिया के लिए गर्व का पल था।
WPL में भी बनाई खास जगह
उमा की काबिलियत को सिर्फ इंटरनेशनल क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) में भी पहचान मिली। 2024 में उन्हें UP Warriorz ने टीम में शामिल किया। खास बात यह थी कि वह WPL में एक रिप्लेसमेंट प्लेयर के तौर पर टीम में आईं, जब वृंदा दिनेश चोटिल हो गईं। लेकिन दोस्तों, असली खिलाड़ी वही होता है, जो मिले हुए मौके का पूरा फायदा उठाए और उमा ने यही किया।
धोनी की फैन उमा की ताकत उनका आत्मविश्वास
उमा छेत्री की क्रिकेटिंग स्टाइल की बात करें तो वो एक बेहतरीन विकेटकीपर-बल्लेबाज हैं। उनका पसंदीदा क्रिकेट शॉट स्वीप शॉट है और उनके आदर्श कोई और नहीं बल्कि महेंद्र सिंह धोनी हैं।
उमा की बल्लेबाजी की बात करें तो वह राइट-हैंड बैट्समैन हैं और उनकी गेंदबाजी स्टाइल राइट-आर्म मीडियम पेसर है। उनके कोच मेहबूब आलम ने उमा को एक शानदार क्रिकेटर बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
उमा छेत्री की फैमिली और संघर्ष
दोस्तों, उमा के संघर्ष की कहानी उनकी पारिवारिक स्थिति से भी साफ झलकती है। उनके पिता लोक बहादुर एक छोटे किसान हैं और उनकी माँ दीपा एक गृहिणी हैं। उमा के चार बड़े भाई हैं, जिनमें से एक का नाम विजय छेत्री है। उनकी सफलता के पीछे उनके माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान रहा है, जिन्होंने अपनी बेटी को आगे बढ़ने का पूरा मौका दिया।
उमा का सपना और भविष्य
अब जब उमा भारतीय टीम का हिस्सा बन चुकी हैं, तो उनका अगला लक्ष्य भारतीय महिला क्रिकेट टीम में अपनी जगह पक्की करना और भारत के लिए कई बड़े मैच जीतना है। दोस्तों, उनकी मेहनत, आत्मविश्वास और क्रिकेट के प्रति जुनून देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि उमा आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट की बड़ी स्टार बन सकती हैं।
निष्कर्ष
उमा छेत्री की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर मन में सच्ची लगन और मेहनत का जज्बा हो, तो कोई भी मुश्किल आपका रास्ता नहीं रोक सकती। दोस्तों, एक गरीब किसान की बेटी से लेकर भारतीय टीम की खिलाड़ी बनने तक का उनका सफर हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करना चाहता है। उमा ने यह साबित कर दिया कि “सपने अगर सच्चे दिल से देखे जाएं और उनके लिए मेहनत की जाए, तो वे सच जरूर होते हैं
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मै 5 सालो से कंटेंट राइटिंग कर रहा हु और हम इस ब्लॉग पर IPL, WPL cricket और अन्य क्रिकेट सीरीज कवर करते है हमें cricket देखना ,पड़ना और लिखने में बहुत इंटरेस्ट है और इस पैशन को हमने इस ब्लॉग के माध्यम से लोगो तक पहुचाते है