जहां ऑस्ट्रेलिया की टीम को स्लेजिंग और आक्रामकता के लिए जाना जाता है, वहां उस्मान ख्वाजा जैसे प्लेयर एक फ्रेश ब्रेथ ऑफ एयर की तरह हैं। ख्वाजा ने हमेशा अपने गेम से प्यार और शांति का मैसेज दिया। पाकिस्तान में जन्म लेने वाले ख्वाजा का दिल भले ही ऑस्ट्रेलिया के लिए धड़कता है, लेकिन उनकी बैटिंग में जो क्लास और पावर है, वो उन्हें वर्ल्ड लेवल पर अलग पहचान देती है।
पाकिस्तान में बर्थ, लेकिन ड्रीम्स ऑस्ट्रेलिया में पूरे
18 दिसंबर 1986 को इस्लामाबाद में जन्मे उस्मान ख्वाजा जब सिर्फ 4 साल के थे, तब उनका परिवार न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया में शिफ्ट हो गया। वेस्ट फील्ड स्पोर्ट्स हाई स्कूल से पढ़ाई करने वाले ख्वाजा को बचपन से ही क्रिकेट का जबरदस्त शौक था। उनके फेवरेट प्लेयर्स सईद अनवर और वसीम अकरम थे।
स्टाइलिश बैटिंग और फेमस फ्लिक शॉट
ख्वाजा की बैटिंग में वो ग्रेस है जो हर क्रिकेट फैन को दीवाना बना देती है। उनका लक साइड का फ्लिक शॉट तो उनके ट्रेडमार्क मूव की तरह है। घंटों क्रीज पर टिककर खेलना और जब टीम प्रेशर में हो, तब मैच जिताने वाली पारी खेलना, यही उनका स्टाइल है।
अंडर-19 से ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट तक
2005 में ख्वाजा को ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 टीम का हिस्सा बनाया गया। उन्होंने यहां अपने क्लासी परफॉर्मेंस से सभी को इम्प्रेस किया। अगले साल श्रीलंका में अंडर-19 वर्ल्ड कप में बतौर ओपनर उन्होंने शानदार खेल दिखाया। 2008 में फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में डेब्यू करते ही बैक-टू-बैक डबल सेंचुरी जड़कर उन्होंने खुद को साबित कर दिया।
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ऑस्ट्रेलिया के पहले मुस्लिम क्रिकेटर बनने का सफर
2011 में ख्वाजा ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर डेब्यू किया। इस मैच के साथ वह ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने वाले पहले मुस्लिम क्रिकेटर बन गए। उनके डेब्यू की पारी भले ही ज्यादा बड़ी न हो, लेकिन उनकी तकनीक और संयम साफ नजर आ रहा था।
क्रिकेट और एविएशन दोनों में टॉप
ख्वाजा सिर्फ क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि पढ़ाई में भी टॉप थे। उन्होंने एविएशन में ग्रेजुएशन पूरी की और कमर्शियल पायलट का लाइसेंस भी हासिल किया। ये दिखाता है कि कैसे आप पढ़ाई और खेल दोनों को बैलेंस कर सकते हैं। 2019 में उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े पैसेंजर प्लेन को उड़ाकर सभी को चौंका दिया।
चुनौतियों का सामना और धमाकेदार वापसी
ख्वाजा के करियर में मुश्किलें कम नहीं थीं। डिसिप्लिन ब्रेक करने के आरोप में सस्पेंशन और फिर घुटने की चोट ने उनके करियर को हिला दिया। लेकिन 2015 में उन्होंने कमबैक किया और न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी क्लास दिखाकर सबको जवाब दिया।
आज ख्वाजा ऑस्ट्रेलिया के बैटिंग ऑर्डर की जान हैं। चाहे एशेज हो या भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज, उनका शांत और क्लासी गेम हमेशा टीम के लिए अहम साबित हुआ है।
मैं एक ग्रामीण क्रिकेटर हु और क्रिकेट के बारे में लिखना मेरी हॉबी है और मै cricketyukti.in का लेखक हूं, इस ब्लॉग पर लेखों के माध्यम से खेल के प्रति अपना प्यार साझा करता हूं। मेरे साथ जुड़ें क्योंकि मैं क्रिकेट की दुनिया से जुडी लेटेस्ट न्यूज़ यहाँ अपडेट करता रहता हूँ