यशस्वी जायसवाल का जीवन परिचय | Yashasvi jaiswal Biography in hindi

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

आईपीएल का ये सीजन चोका रहा है जहाँ बड़े बड़े खिलाड़ी धराशाही हो रहे है वही गली कुचो से मर्ज कर गरीबी से तब कर निकले गुमनाम खिलाड़ी अपने खेल में धूम मचा रहे है रिंकू सिहं और तिलक वर्मा के जोहर को तो दुनिया देख ही चुकी है अब बात करे यशस्वी जायसवाल की तो आईपीएल के सीजन पर सबसे बड़े और सबसे धमाकेदार पारी खेल कर अपनी बैटिंग का जल्वा सबके सामने दिखाया |

Yashasvi jaiswal Biography in hindi

उनकी ये पारी को देख कर सारी दुनिया हैरान थी कौई सोच भी नही सकता था की मुंबई के आजाद मैदान के बाहर गोलगापे खिलाने वाला ये लड़का विरोधी टीम के धुरंदर गेंदबाजो को पानी पीला देंगा आखिर उनके बरसो कि मेहनत की तपेश हर किसी ने महसूस की आज भले ही उनका नाम पूरी दुनिया पर फैला हो लेकिन हालात इतने आसान भी नही थे उसने गरीबी की तपेश को घेला है टेंट पर राते गुजारी है अपने शरीर को तेज धुप पर तपाया है तब जाके यश पाया है |

यशस्वी जायसवाल जीवन परिचय

भारतीय क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल की जीवनी ,कहानी यशस्वी जायसवाल की
टॉपिकयशस्वी जायसवाल का जीवन परिचय
लेख प्रकारजीवनी
साल2023
नामयशस्वी जायसवाल 
पूरा नामयशस्वी भूपेंद्र कुमार जायसवाल
जन्मदिन 28 दिसंबर 2001
जन्म स्थानसुरियावां, भदोही, उत्तर प्रदेश, भारत
आयु22
नागरिकता भारतीय
धर्म हिंदू धर्म
राशि/सूर्य राशिमकर
गृहनगरदादर, मुंबई, भारत
पेशाक्रिकेटर (ऑलराउंडर)
प्रसिद्ध के रूप मेंलिस्ट ए दोहरा शतक बनाने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के क्रिकेटर।
कोच ज्वाला सिंह
बल्लेबाजी बाएं हाथ की बल्लेबाजी
प्रमुख टीमें भारत अंडर -19
बॉलिंग लेगब्रेक
भूमिकाओपनिंग बल्लेबाज
प्रथम श्रेणी क्रिकेट डेब्यू7 जनवरी 2019 को मुंबई बनाम छत्तीसगढ़

इसे भी पड़े : कौन है वो 4 भारतीय धुरंधर जिनका USA टीम में आया नाम ? T20 वर्ल्ड कप में मचाएंगे अब ये खिलाड़ी कोहराम

यशस्वी जायसवाल का जन्म .

यशस्वी जायसवाल का जन्म 28 दिसंबर 2001 को भदोही जिले पर हुआ था और भाई बहनों से 4 नम्बर पर थे पिताजी एक छोटी सी हड्वेयर की दुकान संभालते थे तो वही उनकी माता जी घर संभालते थी | यशस्वी जायसवाल को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शोक था अपने घर के तरफ गली कुचो पर खेलते थे जैसे जैसे बड़े हुए तो उन्हें लगा की यह रह कर कुछ नही होने वाला है |

अपने पिताजी से जिद कर के बार बार बोलने लगे मुझे मुंबई जाना है अब उनके पिताजी भी किस मुह से मना करते उनके पिताजी ये भी सोच में थे की 8 लोगो के परिवार पर एक के कम होने से क्या ही होंगा वैसे भी यह रहके यशस्वी क्या ही तीर मार लेंगा पिताजी ने उन्हें नही रोका मुंबई पर रहने वाले अपने एक रिश्तेदार से बात की ओर भेज दिया मुंबई |

यशस्वी जायसवाल का संघर्ष .

महज 11 साल की उम्र पर यशस्वी जायसवाल मुंबई तो पहुच गए लेकिन एक कहावत है की शिर मुड़ते ही ओले पड़ना वो उन रिश्तेदारों के घर तो पहुचे लेकिन वहा रुकने का स्थान नही मिल सका अब कहते है की मुंबई जैसी जगह पर सर छुपाने को ही जगह मिल जाये तो बहुत है |

आखिर वो एक छत की तलाश पर दरबदर भटकते रहे अब किस्मत को भी उनपर तरश आ गया उन्हें सोने भर की जगह मिल गई लेकिन उन्हें एक सर्त माननी थी सोने के साथ साथ वहा पर कम भी करना था अब बिचारे यशस्वी जायसवाल सवाल क्या ही करते उन्होंने वह सर्त मानली लेकिन उसके बाद भी वह छत उनके सर पर ज्यादा दिनों तक नही रहा |

यशस्वी जायसवाल पहुचे आजाद मैदान .

अब आखिर कार उनकी तपेश धीरे धीरे कम होने लगी वो मुंबई के आजाद मैदान में जिसे क्रिकेट की नर्सरी कहा जाता है बड़े बड़े खिलाड़ियो ने मैच खेल कर सफलता की सीडीया चडी है सचिन तेंदुलकर , विनोद कांबली , पृथ्वी शाल जैसे खिलाड़ीयो ने खेला है यही सब देखकर वो भी उतर गये आजाद मैदान पर फिर धीरे धीरे अपना खेल शुरू किया |

इस मैदान पर टोटल 22 क्रिकेट प्रिच है |उन्हें रहने के लिए कौई बड़ा रूम नही मिला ना ही सोने के लिए मखमल का बिस्तर था |ग्राउंडमन के साथ टेंट पर रहा करते दिन भर खेलने के बाद वह टेंट पर ही सो जाते थे |

लाख दिक्कतों के बाद भी वो अपने माँ , पापा से कुछ नही कहा करते थे हालाकि उनके पापा को इस बात की भनक तो थी ही और हो भी क्यों न अपने बेटे कि चिंता हर पिताजी को होती ही है भले ही दो वक्त के खाने का इंतेजाम मुस्किल से हो पाता हो लेकिन अपने बेटे के खर्च को वो भेजते रहते थे पैसे कम पड़ जाते थे तो यशस्वी जायसवाल वही आजाद मैदान के बाहर गोलगापे बेचा करते थे |

कोच ज्वाला सिहं और यशस्वी जायसवाल .

यशस्वी जायसवाल जब खुद इस मैदान पर खेल रहे थे तब ज्वाला सिहं की नजर पड़ी उनकी बेटिंग को देख हेरान हो गए और खुद उनको ट्रेनिंग देने का फैसला किया अब यह से उनकी धीरे धीरे किस्मत के दरवाजे खुलने चालू हो गये थे

अपने घर पर रखा और पूरी जिम्मेदारी ली साल 2015 में 319 रन नोट आउट होकर बनाए बल्कि 99 रन देकर 13 विकेट भी चटके अपने आल राउंडर खेल कर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स पर भी दर्ज है मुंबई के अंडर 16 पर भी चुने गये 2018 में भी अंडर 19 एशिया कप के भी हिसा बने थे जहा पर अपने नाम का डंका पूरी दुनिया में बजा दिया था |

इसे भी पड़े :

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

Leave a Comment